हिंदू धर्म में सावन यानी श्रावण मास को अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक रूप से जागृत महीना माना जाता है। यह महीना भोलेनाथ शिवजी को समर्पित होता है, जिसमें लाखों भक्त उपवास, जलाभिषेक, मंत्र जाप और कांवड़ यात्रा 2025 जैसी विशेष भक्ति गतिविधियों में शामिल होते हैं।
सावन 2025 की शुरुआत 10 जुलाई 2025 से हो रही है और समापन 8 अगस्त 2025 को होगा। इस दौरान चार पवित्र सोमवार पड़ेंगे, जो शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

🕉️ सावन 2025 का धार्मिक महत्त्व
सावन 2025 का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी बेहद खास है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष को पीकर संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी।
शिवपुराण में उल्लेख है कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से:
- समस्त पाप नष्ट होते हैं
- जीवन में शांति और समृद्धि आती है
- कुंवारी कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है
📅 सावन सोमवार 2025 की तिथियां
सावन में आने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। शिवभक्त इन दिनों सावन सोमवार व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाकर पूजन करते हैं।
सावन सोमवार 2025 की तिथियां इस प्रकार हैं:
- 14 जुलाई 2025 – पहला सोमवार
- 21 जुलाई 2025 – दूसरा सोमवार
- 28 जुलाई 2025 – तीसरा सोमवार
- 4 अगस्त 2025 – चौथा सोमवार
🌼 सावन में किए जाने वाले प्रमुख धार्मिक कार्य
🔸 1. शिवलिंग पर जलाभिषेक
प्रत्येक दिन प्रातःकाल शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, दही और शुद्ध जल से अभिषेक करना शुभ होता है।
🔸 2. व्रत और उपवास
श्रावण मास में व्रत रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है। विशेषतः सोमवार को निर्जला या फलाहार व्रत करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
🔸 3. महामृत्युंजय जाप
इस महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

🚩 कांवड़ यात्रा 2025: आस्था का समुद्र
कांवड़ यात्रा 2025 श्रावण मास की सबसे प्रमुख परंपराओं में से एक है। इस दौरान लाखों शिवभक्त (कांवड़िए) गंगाजल लेने हरिद्वार, गंगोत्री, वाराणसी, देवघर जैसे तीर्थस्थलों की यात्रा करते हैं और उसे अपने स्थानीय शिव मंदिरों में अर्पित करते हैं।
कांवड़ यात्रा 2025 की विशेषताएं:
- शुरूआत: 10 जुलाई 2025
- चरम: श्रावण पूर्णिमा के आसपास
- लोकप्रिय मार्ग: हरिद्वार से दिल्ली, वाराणसी से बिहार, देवघर से झारखंड
कांवड़िए नंगे पांव, शिव भजन गाते हुए, “बोल बम” की गूंज के साथ यात्रा करते हैं। यह यात्रा शारीरिक तपस्या के साथ-साथ आंतरिक शुद्धि का प्रतीक भी है।
🌱 सावन 2025 में क्या करें और क्या न करें
✔️ क्या करें:
- रोज़ाना “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाएं
- सोमवार को व्रत रखें और सादा भोजन करें
- कांवड़ियों का सम्मान करें
❌ क्या न करें:
- मांस, मदिरा, तम्बाकू का सेवन न करें
- झूठ, चोरी या किसी का दिल दुखाना वर्जित है
- बाल कटवाना या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना जाता है
🍃 सावन का वैज्ञानिक पहलू
मानसून के दौरान वर्षा ऋतु में वातावरण में कई प्रकार के जीवाणु उत्पन्न होते हैं। सावन में उपवास और सात्विक भोजन शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
धार्मिक क्रियाएं जैसे जलाभिषेक और ध्यान मानसिक तनाव को कम कर मानसिक शांति देते हैं।
🛕 भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिर जहां सावन में होती है विशेष पूजा
- काशी विश्वनाथ, वाराणसी
- बाबा बैद्यनाथ धाम, झारखंड
- केदारनाथ, उत्तराखंड
- सोमनाथ, गुजरात
- महाकालेश्वर, उज्जैन
इन मंदिरों में सावन के दौरान विशेष रुद्राभिषेक, भस्म आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
🙏 भक्तिप्लस सुझाव:
सावन 2025 के दौरान एक संकल्प लें कि आप रोज़ कम से कम 108 बार “ॐ नमः शिवाय” का जाप करेंगे। यह साधना आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी।
❓ FAQs — सावन 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
❓ सावन 2025 कब शुरू और खत्म हो रहा है?
उत्तर: सावन 2025 की शुरुआत 10 जुलाई को और समाप्ति 8 अगस्त को होगी।
❓ कितने सोमवार होंगे सावन 2025 में?
उत्तर: इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ेंगे – 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त।
❓ क्या महिलाएं सावन सोमवार व्रत रख सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी सावन सोमवार का व्रत रखती हैं, विशेषतः अविवाहित कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति हेतु।
❓ कांवड़ यात्रा 2025 कब शुरू होगी?
उत्तर: कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत भी 10 जुलाई 2025 से मानी जा रही है, जो सावन के पहले दिन है।
❓ क्या सावन में बाल कटवाना वर्जित है?
उत्तर: हां, परंपरानुसार सावन में बाल कटवाना, शेविंग और नाखून काटना अशुभ माना जाता है।
🕉️ समापन: भक्ति का अनमोल अवसर – सावन 2025
सावन 2025 केवल एक धार्मिक महीना नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागृति, आंतरिक शुद्धि और शिवभक्ति का पर्व है। इस महीने का पूर्ण लाभ लेने के लिए नियमपूर्वक व्रत, पूजन और साधना करें।
🌺 हर-हर महादेव!
🌿 ॐ नमः शिवाय