पहला भाग: सावन का महत्व और उसका आरंभ
भारतवर्ष में जब वर्षा ऋतु दस्तक देती है, तो प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। इसी सुंदर ऋतु में आता है “Sawan Festival”, जिसे सावन या श्रावण मास कहा जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन का आरंभ आमतौर पर जुलाई के मध्य से अगस्त तक होता है, और पूरे एक महीने तक चलने वाला यह उत्सव भक्ति, आस्था और उत्साह का प्रतीक होता है।
इस महीने की प्रत्येक सोमवार को “सावन सोमवार व्रत“ का विशेष महत्व होता है। भक्तगण भगवान शिव की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। महिलाएं सौभाग्य और अच्छे पति की कामना के लिए उपवास करती हैं, वहीं युवक-युवतियां भी शिव जी की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
भारत के विभिन्न राज्यों में कैसे मनाया जाता है Sawan Festival?
Sawan Festival की भक्ति लहर केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पूरे भारतवर्ष में विभिन्न रंगों और परंपराओं के साथ यह महोत्सव मनाया जाता है।
उत्तर भारत में विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में यह महीना बहुत ही श्रद्धा और उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कांवड़ यात्रा इस महीने की सबसे बड़ी विशेषता होती है, जिसमें लाखों शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार, गौमुख और देवघर जैसे तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हैं।
पश्चिम भारत में जैसे महाराष्ट्र में भक्त “श्रावण सोमवार” को व्रत रखते हैं और भगवान शिव के मंदिरों में विशेष भजन और कीर्तन का आयोजन करते हैं। वहीं गुजरात में “रक्षाबंधन” और “नाग पंचमी” जैसे पर्व सावन में ही आते हैं, जो इस महीने को और भी पावन बना देते हैं।
दक्षिण भारत में, विशेष रूप से तमिलनाडु और केरल में, सावन को थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाता है। यहां यह महीना प्रकृति, वर्षा और देवी-देवताओं के प्रति आभार प्रकट करने का समय होता है।
Sawan Festival की खास विशेषताएं
- सावन सोमवार व्रत – शिव भक्त हर सोमवार को उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र आदि चढ़ाते हैं।
- कांवड़ यात्रा – लाखों श्रद्धालु गंगाजल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा अद्भुत श्रद्धा और संकल्प का प्रतीक होती है।
- हरियाली तीज – विशेषकर महिलाओं के लिए यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है। वे झूला झूलती हैं, गीत गाती हैं और मेहंदी लगाकर सजती हैं।
- भजन-कीर्तन व रात्रि जागरण – मंदिरों में भक्ति संगीत का आयोजन होता है जिससे माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
- श्रृंगार और पूजा सामग्री का महत्व – इस महीने में बेलपत्र, धतूरा, भस्म, रुद्राक्ष आदि भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं।
- व्रत-नियम और संयम – इस महीने में लोग सात्विक भोजन करते हैं, मांस-मदिरा से दूर रहते हैं और संयमित जीवन जीते हैं।
- पर्यावरण और सावन का संबंध – यह महीना वृक्षारोपण और हरियाली के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।
Sawan Festival से जुड़े सामान्य प्रश्न
निष्कर्ष
Sawan Festival न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह संपूर्ण भारत को एकता, भक्ति और प्रकृति प्रेम से जोड़ता है। सावन के रंगों में रंगा भारत शिव भक्ति में डूब जाता है – यह महीना आस्था, प्रेम और आत्मिक शुद्धता का प्रतीक है। सावन केवल एक कैलेंडर महीना नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हर भारतीय को शिव के और करीब ले आती है।






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